शनि के वक्री होते हैं बड़ी परेशानी में फंस सकती हैं ये 5 राशियां… जल्द आरंभ करें शनि शांति के उपाय

डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रत्न विशेषज्ञ

शनि एक ऐसे ग्रह हैं जो अपनी धीमी चालकी वजह से जातक के जीवन में उथल-पुथल मचाकर रखते हैं। ज्ञात हो कि समस्त नौ ग्रहों में शनि ही हैं जो किसी भी राशि में साढ़े सात वर्ष तक रहते हैं… जिसे साढ़े साती के नाम से जाना जाता है। शनि अपनी दशा में जातक को अर्श से फर्श पर भी ला सकते हैं और किसी रंक को राजा भी बना सकते हैं… यह सब कुंडली में शनि की बैठकी पर निर्भर करता है। ज्योतिषशास्त्र के अंतर्गत शनि को न्याय का देवता भी कहा जाता है… ये जातक को उसके कर्म के हिसाब से दंड देते हैं।

वक्री अवस्था

वर्ष 2021 में शनि राशि परिवर्तन तो नहीं कर रहे लेकिन वक्री अवस्था में जातकों के जीवन में खलबली अवश्य मचाने जा रहे हैं। फिलहाल शनि अस्त है… इनका उदय 9 फरवरी, 2021 को होगा। अस्त अवस्था में शनि का प्रभाव न्यूनतम हो जाता है लेकिन 9 फरवरी को ये पूर्ण प्रभाव के साह उदय होने जा रहे हैं।

वक्री स्थिति

इसके अलावा 23 मई, 2021 को जब यह वक्री स्थिति में आ जाएंगे तो बहुत सी राशियों पर संकट के बादल घिर सकते हैं। ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार शनि वक्री स्थिति में अशुभ फल प्रदान करने लगते हैं। उलटी चाल चलते हुए शनि को पीड़ित माना जाता है… इस वर्ष शनि अपनी ही राशि मकर में वक्री होने जा रहे हैं…जिसका अर्थ है मकर में रहते हुए वे धनु के अनुसार फल प्रदान करेंगे।

5 राशियां

जानकारों के अनुसार मकर में रहते हुए शनि का वक्री होना 5 राशियों के लोगों को मुश्किल में डाल सकता है जिसमें शनि ढैय्या से पीड़ित राशियां मिथुन, तुला के अलावा वे राशियां शामिल हैं जिनपर शनि की साढ़ेसाती चल रही हैं… यानि कुंभ, मकर और धनु।

अशुभ शनि के प्रभाव

ज्योतिषविद्या के जानकारों का कहना है कि अशुभ स्थिइ में शनि बड-ईपरेशानियां पैदा कर सकते हैं जिसमें धन की कमी, बिजनेस या नौकरी में नुकसान, व्यवसाय में समस्याएं,घर-परिवार से संबंधित दिक्कत, दांपत्य जीवन में परेशानियां आदि शामिल हैं। अशुभ शनि कर्ज में भी बढ़ोत्तरी का कारण बनता है।

शनि की वक्री स्थिति

आगामी 23 मई, 2021 को शनि मकर राशि में वक्री होकर 11 अक्टूबर, 2021 तक वे यथास्थिति रहेंगे। इस 141 दिन की अवधि में मिथुन, तुला, मकर, कुंभ, धनु राशि वलों को शनि शांति के उपाय अवश्य करने चाहिए… संभव हो तो ये उपाय अभी से आरंभ कर देने चाहिए।

शनि शांति के उपाय

वक्री स्थिति में शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए सबसे मुख्य और रामबाण उपाय है हनुमत आराधना। शनि,राहु, केतु आदि पापी ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हनुमान जी की शरण में चले जाना सबसे आसान और सटीक उपाय है। इसके अलावा चारित्रिक शुद्धता, गुरुजनों और वरिष्ठजनों का सम्मान, जरूरतमंदों और असहाय लोगों की मदद आदि भी शनि के प्रकोप से बचाव के शास्त्रीय उपाय हैं

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